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कैंसर का मूल कारण जिसे नजरअंदाज किया जाता है

कैंसर का मूल कारण जिसे नजरअंदाज किया जाता है

कैंसर का मूल कारण जिसे नजरअंदाज किया जाता है

कैंसर के कारण तो बहुत सारे हैं लेकिन एक मूल कारण ऐसा भी है जिस पर किसी का ध्यान नहीं जाता वह पानी पीने का गलत तरीका गलत समय।

आआयुर्वेद के अनुसार जहाँ एक तरफ उचित समय पर पानी पीना औषधीय लाभ पहुँचता है वही दूसरी तरफ अनुचित समय पर पानी पीने से बहुत सारे रोग होते है। आज हम पानी पीने का अनुचित समय और उससे होने वाली भयानक परिणाम के बारे में जानेंगे।

महर्षि वाग्भट्ट जी ने अपने ग्रंथ अष्टांगहृदयम् में त्रिदोषों (वात्त,पित्त और कफ) तीनो को सतुलित करके पूर्ण आरोग्य पाने के लिए कुल 7000 सूत्र बतये है। उसमे सबसे महत्व पूर्ण और पहला सूत्र है :
"भोजनान्ते विषं वारी"
अर्थात मतलब खाना खाने के तुरंत बाद पानी पीना जहर पीने के बराबर है।

खाना खाने के तुरंत बाद पानी क्यों नहीं पीना चाहिए ?

  • भोजन के अंत में या बीच में पानी पीना विष पीने के बराबर है। 
  • भोजन पचने की क्रिया में भोजन रस में बदलेगा (लुग्दि बनने के बाद)। भोजन के मुँह में आते ही जठर स्थान पर अग्नि प्रदीप्त होती है। जो भोजन का पाचन करती है और पानी पीते ही अग्नि बुझ जाती है और भोजन के पचने की क्रिया रुक जाती है। 
  • इसके बाद भोजन पचेगा नहीं सड़ेगा। भोजन सड़ेगा तो सबसे पहले वायु बनेगी और इसी वायु से 103 रोग पैदा होंगे। जैसे एसिडिटी, हाइपर एसिडिटी, अल्सर, पेप्टिक अल्सर, बवासीर, मूळव्याध, भगंदर इसी प्रकार सबसे अंत का रोग है कैंसर।
  • इसके अलावा भोजन के सड़ने से ही ख़राब वाला कोलैस्ट्रॉल बनेगा। कोलैस्ट्रॉल बढ़ने से हृदय घात, घुटने का जड़ हो जाना, संधियों में कडक आदि होती है।
  •  भोजन के पहले आप जितना चाहें पानी पी सकते है, लेकिन पानी कम से कम 40 मिनट या अधिक से अधिक एक घंटे पहले पी लेना चाहिए।

भोजन का न पचना सभी बीमारियों की जड़

  • आयुर्वेद में महत्व की बात खाने को खाना नहीं खाने को पचाना है। आपने क्या खाया और कितना खाया वो महत्व नहीं रखता है। लेकिन आपने पचाया कितना वो महत्व बहुत महत्वपूर्ण है। 
  • मान लीजिये आपने 100 ग्राम खाया और 100 ग्राम पचाया बहुत अच्छा है। और अगर आपने 200 ग्राम खाया और सिर्फ 100 ग्राम पचाया वो बहुत बेकार है। 
  • खाना पच नहीं रहा तो समझ लीजिये शरीर में विष निर्माण हो रहा है। यही सारी बीमारियों का कारण है। 

खाना खाने के बाद पानी कब पीना चाहिए ?

  • कम से कम डेढ़ घंटे के बाद पानी पीना चाहिए। खाया हुआ भोजन डेढ़ घंटे तक जठर अग्नि के प्रभाव में रहता है।
  • किसान और मेहनत के काम करने वाले लोगों को 1 घंटे बाद पानी पीना चाहिए।
  • 1 से 1.30 घंटे में भोजन पच जाता है। भोजन पचेगा तो रस बनेगा और रस बनने लिए पानी की आवश्यकता होती है। अतः इस समय पानी पीना अत्यंत आवश्यक है क्योंकि उसी रस में से मांस, मज्जा, रक्त, मल-मूत्र, वीर्य, मेध, अस्थियाँ बनेंगी जिनकी जरूरत शरीर को होती है।

याद रखने योग्य बातें

  • भोजन के तुरंत बाद या बीच में कभी भी पेट भर पानी नहीं पीना चाहिए। 
  • लेकिन भोजन आरम्भ करने से पहले और यदि आपके भोजन में दो प्रकार के अन्न (जैसे गेहूँ और चावल, गेहूँ और बाजरा, मक्की और चावल आदि) है, तो इस स्थिति में थोड़ा सा पानी (एक घूँट) पीना चाहिए। 
  •  भोजन के मध्य में और अंत में थोड़ा सा पानी (एक/दो छोटे घूँट) पी सकते हैं। 
  • यदि पानी पीना हो तो भोजन से 48 मिनट पहले और डेढ़ घण्टा बाद पानी पियें। भोजन के समय पानी ना पियें।
  • भोजन हमेशा धीरे-धीरे, आराम से ज़मीन पर बैठकर करना चाहिए।

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