हम जानते है आयुर्वेद के अनुसार भोजन के बाद पानी नहीं पीना चाहिए। ऐसे में आपको पता होना चाहिए की आयुर्वेद के अनुसार क्या पीना उचित है।
भोजन और पानी दोनों ही शरीर को सुचारू रूप से चलाने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। लेकिन ये भी सच है की गलत तरीके से भोजन करना और पानी पीना ही बीमारियों की मुख्य वजह है। इसीलिए आज हम आयुर्वेद के अनुसार पानी पीने का दिनचर्या जानेंगे।
इन छोटे-छोटे नियमो का पालन करना शरीर को निरोगी रखने का सबसे आसन और कारगर तरीका है।
एक औसत इन्सान के शरीर को एक दिन में 3 से 6 लिटर तरल पदार्थ (पानी, दही, छाछ, जूस आदि) की आवश्यकता होती है।
एक औसत इन्सान के शरीर को एक दिन में 3 से 6 लिटर तरल पदार्थ (पानी, दही, छाछ, जूस आदि) की आवश्यकता होती है।
दोपहर के भोजन के बाद क्या पीये ?
भोजन के अंत में सबसे अच्छी चीज मट्ठा-छाछ है, जिसको पिने का सही समय दोपहर के भोजन के बाद का है।
रात के भोजन के बाद क्या पीये ?
दूसरी सबसे अच्छी चीज है दूध (देसी गाय का) जिसको शाम के खाने के बाद पी सकते है। दूध सोते समय पियें तो और अच्छा है।सुबह के भोजन के बाद क्या पीये ?
तीसरी सबसे अच्छी चीज है, मौसमी फल के रस जिसका सही समय है सुबह के भोजन के बाद। फल खाना जूस पीने से ज्यादा फायदेमंद है क्यूंकि जूस में सारे फाइबर बाहर निकल जाते है। फाइबर ब्लड को साफ करता है। बड़ी आँत, छोटी आँत को साफ करता है। हृदय घात, ट्राईग्लिसराइड, कोलेस्ट्रोल नियंत्रित करता है। जो बच्चे माँ के दूध पर निर्भर है (3 साल तक) उनके उपर यह नियम लागू नही होते है।उपरोक्त बताय गय पदार्थ का सेवन उचित समय पर करना बहुत महत्वपूर्ण है, इससे भोजन अच्छी तरह पचता है जैसे दूध के पाचन के लिए पेट में बनने वाला रसायन सूर्यास्त के बाद बनता और इसी समय सबसे ज्यादा तीव्र होता है। अतः दूध रात में सोने से पहले पीना चााहिये।

!doctype>
1 टिप्पणियाँ
Right
जवाब देंहटाएं