आज हम ठंडे पानी से शरीर पर पड़ने वाली भयानक प्रभाव के बारे में जानेंगे।
हम जनते है कि पानी के बगैर मानव शरीर 3 दिन से ज्यादा नही जी सकता है इसलिए पानी पीना बहुत महत्वपूर्ण है लेकिन आयुर्वेद के अनुसार जहाँ एक तरफ उचित तापमान का पानी पीना औषधीय लाभ पहुँचता है वही दूसरी तरफ अनुचित तापमान का पानी पीने से बहुत सारे रोग होते है।
हृदयघात और लकवा जैसे रोग
ठंडा पानी पीने से पेट को उसे सामान्य तापमान पर लाने के लिए अतिरिक्त उर्जा की जरूरत होती है और अतिरिक्त उर्जा के लिए अतिरिक्त खून की जरूरत होती है। जिसकी शरीर के अलग-अलग हिस्सों से पूर्ति होती है। इससे उन हिस्सों मे खून की कमी होने लगती है और ऐसा बार-बार करने से कई बीमारियाँ शरीर में जन्म लेने लगती है।इस क्रिया में गुरुत्वाकर्षण बल के कारण सबसे ज्यादा दिमाग से रक्त आता है, उसके बाद हृदय का रक्त आता है। रक्त की कमी के कारण अंग काम करना बंद कर देते है। इसीलिए इसके कारण ब्रेन हैम्रेज, लकवा हृदय घात जैसी बीमारियाँ हो सकती है।
कब्ज की समस्या
ठंडा पानी पीने से सबसे पहले बीमारी कोष्ठबद्धता की होती है। क्योंकि ठंडा पानी पीते रहने से बड़ी आँत संकुचित हो जाती है। जससे मल पास होने में कठिनाई होती है। इसीलिए कुछ लोग अंग्रेजी टायलेट सीट पर बैठ कर घंटो अखबार पड़ते है।शरीर को अच्छी तरह काम करने के लिए कम से कम 27॰ और अधिक से अधिक 47॰ का तपमान चाहिए। लगातार ठंडा पानी पीते रहने से जठराग्नि मन्द हो जाती है।
फैट बनाता है
वैज्ञानिकों के मुताबिक खाने के बाद ठंडा पानी पाचन की क्रिया को धीमा कर देता है। पाचन की क्रिया धीमी हो जाने से कब्ज की समस्या भी घेर लेती है।इसके अलावा जब यह पानी खाने के साथ मिलकर पेट में उपस्थित एसिड के संपर्क में आता है तो यह फैट में बदल जाता है। जो कई गंभीर समस्याओं का कारण हो सकता है।

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