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मुंह की लार है महा औषधि, सैकड़ों बीमारियों में इसकी उपयोगिता जानकर दंग रह जाएंगे आप

मुंह की लार है महा औषधि, सैकड़ों बीमारियों में इसकी उपयोगिता जानकर दंग रह जाएंगे आप

मुंह की लार है महा औषधि, सैकड़ों बीमारियों में इसकी उपयोगिता जानकर दंग रह जाएंगे आप
महाऋषि वाग्भट्ट के अनुसार 80% ऐसे रोग होते है जिनका इलाज व्यक्ति स्वयं ही कर सकता है। बस जरूरत है तो आयुर्वेद के नियमो को जानने की।

क्या आपने कभी सोचा है? जानवर अपना घाव चाटते क्यों है। लार दुनियाँ की सबसे अच्छी ओषधि है। इसमे औषधीय गुण बहुत अधिक है। किसी चोट पर लार लगाने से वह ठीक हो जाती है। जानवर सब घाव चाट-चाट कर ही ठीक कर लेते है।

लार पैदा करने का काम एक लाख ग्रन्थियां मिलकर करती है। आयुर्वेद के अनुसार ये इतना कीमती है कि जब कफ बहुत बढ़ा हुआ हो तभी आप थूक सकते है अन्यथा लार कभी नही थूकना चाहिए।



मुंह के लार के हैरतअंगेज फायदे

ब्रह्म मुहूर्त की लार अथवा सुबह उठते ही मुह में जो लार होता है, वह बाकी के समय से ज्यादा फायदेमंद होती है। इसीलिए सुबह उठते ही ये लार अंदर जानी ही चाहिए। 

शरीर के घाव जो कि किसी दवा से ठीक नही हो रहा हो, उनपर सुबह उठते ही अपनी बासी मुंह की लार लगनी चाहिए। 15-20 दिन में घाव भरने लगता है और तीन महीने के अंदर घाव पूरी तरह से ठीक हो जाता है। 

गैंग्रीन जैसी बीमारी 2 साल में ठीक हो जायेगी।
शरीर पर किसी भी प्रकार के दाग धब्बे हो, सुबह के लार लगते रहने से 1 साल में सब ठीक कर देते है। 

एक्जिमा और सोराइसिस जैसी बिनारियो को भी सुबह की लार से ठीक कर सकते है। 1 साल के अंदर परिणाम मिल जाते है। 

सुबह की लार आँखों में लगाने से आँखों की रौशनी बढती है और आँखों के चश्मे उतर जाते है।
आँख लाल होने की बीमारी सुबह की लार लगाने से 24 घंटे के अंदर ठीक होती है। 

सुबह-सुबह की लार, आँख टेढ़ी हो अर्थात आँखों में भेंगापन की बीमारी हो, को सही कर देता है। 

आँखों के नीचे के काले धब्बो के लिए रोज सुबह की लार (बासी) लगायें। 

इन बातो का रखे ध्यान

  1. सुबह उठने के 48 मिनट के बाद मुंह के लार की क्षारीयता कम हो जाती है।
  2. सुबह की लार सबसे ज्यदा लाभ करी होती है और यह बहुत क्षारीय होती है। इसका ph 8.4 के आस-पास होता है।
  3. जितने भी टूथपेस्ट है सब एंटी-एल्क्लाईन है। इसमें एक केमिकल होता है, सोडियम लारेल सल्फेट जो लार की ग्रन्थियों को पूरी तरह सुखा देता है। अतः टूथपेस्ट का इस्तेमाल नही करना चाहिए।
  4. नीम की दातुन चबाते समय बनने वाली लार को पीते रहना चाहिए।
  5. लार में वह 18 पोषक तत्व होते है जो की मिट्टी में होते है।

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