Svadeshi Blog स्वदेशी ब्लॉग

दांतों की सफाई कैसे करे-आयुर्वेद के अनुसार दांत साफ करने का सही तरीका

दांतों की सफाई कैसे करे-आयुर्वेद के अनुसार दांत साफ करने का सही तरीका


दांतों की सफाई कैसे करे-आयुर्वेद के अनुसार दांत साफ करने का सही तरीका

प्रत्येक व्यक्ति पूरे दिन में एक या दो बार दांत साफ करते है। लेकिन दांत साफ करने का सही तरीका कितनो को पता है। आयुर्वेद में दांत साफ करने के लिए बहुत सारी वस्तुएं बताई गई है जो हमारे रसोई में उपलब्ध है और दांतों के लिए अत्यंत लाभप्रद है। लेकिन आज के दौर में हम अपनी आयुर्वेद की विद्या भूल विदेशी कंपनियों के झांसे में आकर केमिकल से बने टूथपेस्ट का इस्तेमाल कर रहे है। जो बहुत खतरनाक है।

क्यों न करें टूथपेस्ट का स्तेमाल? 

शायद आप जानते होंगे सभी पेस्ट मरे हुए जानवरों की हड्डियों से बन रहे है। कोलगेट मरे हुए सूअर की हड्डियों से और पेप्सोडेंट बन रहा है मरे हुए गाय की हड्डियों से तथा क्लोजप और फॉरहंस बन रहे है बकरे और बकरियों की हड्डियों से। इसमें ऐसे केमिकल होते है जो लार ग्रन्थियों को क्षति पहुचाते है। अधिक जानकारी के लिए INDIA TV की रिपोर्ट देखिये।



इसके अतिरिक्त पेस्ट में सेक्रीन के रूप में चीनी होता है। सुबह-सुबह मीठा (चीनी के रूप में या सक्रीन के रूप में) यदि मुह में लगातार जाता है तो बहुत जल्दी दाँत खराब होंगे। इस लेख के माध्यम से दातून करने का नियम और विभिन्न प्रकार के मंजन के बारे में जानेंगे।

दातून करने का नियम

दातून करने का पहला और सबसे जरूरी नियम है दातून करते समय मुह की लार को फैंके नहीं बल्कि निगल ले। यकीन मनियें सुबह की लार स्वास्थ्य के लिए किसी अमृत से कम नहीं। मदार, बबूल, अर्जुन, आम, अमरुद आदि की दातुन करें। 
जनवरी से बरसात आने तक इस समय में नीम की दातुन पित्त को संतुलित करेगी। इस समय में नीम के अतिरिक्त मदार या बबूल की दातून भी कर सकते है। बरसात शुरू होने के बाद नहीं। बरसात के मौसम में आम की दातून या अर्जुन के पेड़ की दातून करें। ठंडी के मौसम में अमरुद या जामुन की दातून करें। 

पित्त प्रकृति के लोगों को एवं 14 से 60 साल तक के लोगो को दांत कसाय अथवा कड़वी और तिक्त वाली वस्तुओं से साफ करना चाहिए अथवा नींम की दातुन करें। सुबह-सुबह की लार पित्त को संतुलित करती है। पुरे साल भी नीम की दातून कर सकते है लेकिन 3-3 महीने के बाद कुछ दिन छोडकर और उन दिनों में गाय के गोबर की राख का या अन्य प्रकार का दंत मंजन करें। 


मुंह की लार है महा औषधि, सैकड़ों बीमारियों में इसकी उपयोगिता जानकर दंग रह जाएंगे आप

 

विभिन्न प्रकार के मंजन

  • त्रिफला मंजन: - दंत मंजन के लिए बारीक त्रिफला चूर्ण पीसें और सेंध नमक मिलाकर मंजन बना लें। हालाँकि खाने के लिए त्रिफला चूर्ण थोड़ा मोटा पीसें। त्रिफल चूर्ण का दंत मंजन किसी भी ऋतू में किया जा सकता है। आपको बता दे कि ऐसे ही 8 से 10 तरह के मंजन है और 12 तरह की दातून है।
  • हल्दी दंत मंजन: - थोड़ा हल्दी थोड़ा सरसों का तेल और थोड़ा सा नमक मिलाकर पेस्ट बना ले। यह सबसे आसान और दांतों के लिए बहुत अच्छा मंजन  है अतः इस पेस्ट से दांतों को साफ करें
  • गोबर का मंजन: - गाय के गोबर से उपले बना कर धूप में सुखा ले। फिर इसे जला कर रख बना लें। गाय की गोबर की राख+कपूर+फिटकरी+नमक मिलाकर गाय के गोबर का दंत मंजन बना सकते है। यह दांत के पीलेपन को दूर करने का बेहतर हरेलू उपाय है।
  • नींबू: - नींबू निचोड़ने के बाद जो छिलका बच जाता है उसे फेंके नहीं। छिलके को उलट कर अंदर का हिस्सा बहर निकल लें फिर उस पर नमक लगा कर दांतों पर घिसें। दांत एक दम साफ हो जांयगे।
  • आम का पत्ता: - पीले दांतों के इलाज के लिए आम का नुस्खे अपनाना चाहिए। आम के पेड़ का पत्ता चबाओ थोड़ी देर चबायें जिससे वह चटनी जैसा हो जाएगी। उसको दांतों पर रगड दें, दांत एकदम साफ हो जायेंगे।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ