वैसे तो नींद लेना अच्छे स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी है, लेकिन सोने का भी सही समय होता है। गलत समय पर सोने से स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां तो होती हैं, साथ ही धर्म के नजरिए से भी इसे अपशकुन माना जाता है। जो लोग शास्त्रों में वर्जित किए गए समय पर सोते हैं, उन्हें देवी-देवताओं की कृपा प्राप्त नहीं होती है। शास्त्रों के अनुसार दिन के तीन ऐसे समय बताए गए हैं, जब हमें सोना नहीं चाहिए। यहां जानिए हमें किस समय बिना किसी कारण से सोना नहीं चाहिए।
ये हैं सोने के तीन गलत समय
- सूर्योदय का समय
- दोपहर का समय
- सूर्यास्त का समय
जानिए किस समय सोने से क्या नुकसान होता है...
सोने का पहला गलत समय
महालक्ष्मी उन लोगों से रूठ जाती हैं जो सूर्योदय के बाद भी बहुत देर तक सोते रहते हैं। शास्त्रों के अनुसार ऐसे लोगों के पास चाहे जितना भी पैसा हो, लेकिन वे संतुष्ट नहीं रहते हैं। सदैव मानसिक तनाव का सामना करते हैं और लंबी उम्र तक स्वस्थ भी नहीं रह पाते हैं। लक्ष्मी की कृपा के बिना धन में बरकत नहीं आती है।
हमें सूर्योदय से पूर्व ही उठ जाना चाहिए। सुबह का यह समय स्वास्थ्य के लिए भी वरदान है। ब्रह्म मुहूर्त का विशेष महत्व बताया गया है। इस समय की ताजी हवा कई बीमारियों की रोकथाम करती है। इसी वजह से सुबह के समय घुमना और व्यायाम करने की परंपरा प्राचीन समय से चली आ रही है।
सोने का दूसरा गलत समय
सोने का दूसरा गलत समय है दोपहर का समय। शास्त्रों के अनुसार इस समय सोने को भी अपशकुन माना गया है। साथ ही, यह काम स्वास्थ्य को भी काफी नुकसान पहुंचाता है। जो लोग दिन में सोते हैं, वे मोटापे की गिरफ्त में जल्दी आ जाते हैं।
दोपहर में सोने से पाचन तंत्र बिगड़ सकता है, खाना ठीक से पचेगा नहीं और इस वजह से पेट से संबंधित कई बीमारियां होने की संभावनाएं काफी बढ़ जाती हैं। पेट से संबंधित बीमारियां जैसे- कब्ज, गैस, अपच आदि। यह समय कर्म करने के लिए श्रेष्ठ है।
अत: दोपहर में काम करना चाहिए लेकिन इसमें भोजन का भी महत्व है। दोपहर के भोजन के बाद तुरंत (शारीरिक) काम में नहीं लगाना चाहिए। आयुर्वेद के अनुसार सोए, दोपहर के भोजन के बाद 5 मिनट वज्र आसान में बैठने के बाद 45 मिनट वामकुक्षी (बाए करवट) सोये।
सोने का तीसरा गलत समय
सोने का तीसरा गलत समय है सूर्यास्त का समय। सूर्यास्त का समय देवी-देवताओं के पूजन का समय होता है। इस समय में सोने वाले व्यक्ति को देवी-देवता की कृपा प्राप्त नहीं हो सकती है। शास्त्रों के अनुसार जो लोग अकारण ही शाम के समय सोते हैं, वे कई प्रयासों के बाद भी आसानी से सफलता प्राप्त नहीं कर पाते हैं।
ऐसी प्राचीन मान्यता है कि सूर्यास्त के समय सभी देवी-देवता पृथ्वी का भ्रमण करते हैं। इस दौरान जो लोग कर्म न करते हुए आलस्य के कारण सोए रहते हैं, वे लोग दुर्भाग्य के शिकार हो सकते हैं।
इन लोगों को गलत समय पर सोने से नहीं लगता है दोष
यदि कोई व्यक्ति बीमार है या बुजूर्ग है या कोई गर्भवती स्त्री है तो ये लोग अपनी सुविधा के अनुसार दिन में किसी भी समय सो सकते हैं। ऐसे लोगों को किसी भी समय पर सोने से कोई दोष नहीं लगता है, लेकिन कोई व्यक्ति अकारण गलत समय में सोता है तो यह शुभ नहीं माना जाता है।
ललाट पर तिलक रखकर सोना अशुभ है (इसलिये सोते वक्त तिलक मिटाने का कहा जाता है। ) सोते समय ईष्टदेव को याद करें “ सोते वक्त सात भय को दूर करने के लिए 108 मंत्र का जप करें और उठते वक्त आठ कर्मो को दूर करने के लिए ईष्टदेव की एक माला करे।
सोने का तीसरा गलत समय
सोने का तीसरा गलत समय है सूर्यास्त का समय। सूर्यास्त का समय देवी-देवताओं के पूजन का समय होता है। इस समय में सोने वाले व्यक्ति को देवी-देवता की कृपा प्राप्त नहीं हो सकती है। शास्त्रों के अनुसार जो लोग अकारण ही शाम के समय सोते हैं, वे कई प्रयासों के बाद भी आसानी से सफलता प्राप्त नहीं कर पाते हैं।
ऐसी प्राचीन मान्यता है कि सूर्यास्त के समय सभी देवी-देवता पृथ्वी का भ्रमण करते हैं। इस दौरान जो लोग कर्म न करते हुए आलस्य के कारण सोए रहते हैं, वे लोग दुर्भाग्य के शिकार हो सकते हैं।
इन लोगों को गलत समय पर सोने से नहीं लगता है दोष
यदि कोई व्यक्ति बीमार है या बुजूर्ग है या कोई गर्भवती स्त्री है तो ये लोग अपनी सुविधा के अनुसार दिन में किसी भी समय सो सकते हैं। ऐसे लोगों को किसी भी समय पर सोने से कोई दोष नहीं लगता है, लेकिन कोई व्यक्ति अकारण गलत समय में सोता है तो यह शुभ नहीं माना जाता है।
ललाट पर तिलक रखकर सोना अशुभ है (इसलिये सोते वक्त तिलक मिटाने का कहा जाता है। ) सोते समय ईष्टदेव को याद करें “ सोते वक्त सात भय को दूर करने के लिए 108 मंत्र का जप करें और उठते वक्त आठ कर्मो को दूर करने के लिए ईष्टदेव की एक माला करे।

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