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हिंदू धर्म पर स्वामी विवेकानंद के अनमोल विचार Swami Vivekananda quotes on Hinduism in hindi

हिंदू धर्म पर स्वामी विवेकानंद के अनमोल विचार Swami Vivekananda quotes on Hinduism in hindi

आधुनिक समय में हिंदू धर्म के सबसे बड़े ध्वजवाहक श्री नरेंद्रनाथ दत्त जिन्हे आज हम स्वामी विवेकानन्द जी के नाम से जानते है।
उन्होंने अपने अल्प काल के जीवन काल में अविश्वसनीय रूप से हिंदू, धर्म, योग एवं अध्यात्म आदी पर बहुत काम किया, बोला, ढेरों पुस्तके लिखी ।

बचपन से ही स्वामी विवेकानंद बुद्धि तीव्र थी उन्होंने 25 साल की उम्र तक वेद, पुराण, बाइबल, कुरआन, धम्मपद, तनख, गुरुग्रंथ साहिब, दास केपीटल, पूंजीवाद, अर्थशास्त्र, राजनीति शास्त्र, साहित्य, संगीत और दर्शन की तमाम तरह की विचारधाराओं को अध्यन और विश्लेषण कर लिया था। वे जैसे-जैसे बड़े होते गए सभी धर्म और दर्शनों के प्रति अविश्वास से भरते गए। संदेहवादी, उलझन और उन्होंने  प्रतिवाद के चलते किसी भी विचारधारा में विश्वास नहीं किया।

धर्म पर स्वामी विवेकानन्द जी विचार सुनने का आनंद लीजिए


विवेकानंद मूर्तिपूजा को महत्व नहीं देते थे, ‍लेकिन वे अधर्मियो की तरह इसका विरोध भी नहीं करते थे। लोगों को धर्म के मार्ग से विमुख होने से बचाने के लिए वेदान्त दर्शन के माध्यम से सही रास्ते में चलने के लिए प्रेरित करते थे।

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स्वामी विवेकानंद के जीवन पर वेदांत दर्शन, बुद्ध के आष्टांगिक मार्ग और गीता के कर्मफल सिद्धांत का गहरा प्रभाव पड़ा है। हालांकि उनके दर्शन का मूल वेदांत और योग रहा है।

विवेकानंद जी कहते हैं कि हम लोग वेदान्त के बिना न तो साँस ले सकते हैं और न ही मृत्यु को प्राप्त कर सकते हैं। उनके अनुसार 'ईश्वर' निराकार है। ईश्वर सभी तत्वों में निहित एकत्व है। जगत ईश्वर की ही सृष्टि है। आत्मा का कर्त्तव्य है कि शरीर रहते ही 'आत्मा के अमरत्व' को जानना। मनुष्य का चरम भाग्य 'अमरता की अनुभूति' ही है। राजयोग ही मोक्ष का मार्ग है।

हिन्दू धर्म पर उनके विचार उल्लेखनीय है जो इस प्रकार है-

1) मुझे गर्व है कि मैं एक ऐसे धर्म से हूं, जिसने दुनिया को सहिष्णुता और सार्वभौमिक स्वीकृति का पाठ पढ़ाया है। हम सिर्फ सार्वभौमिक सहिष्णुता में ही विश्वास नहीं रखते, बल्कि हम विश्व के सभी धर्मों को सत्य के रूप में स्वीकार करते हैं।

I am a Hindu, I am proud to belong to a religion which has taught the world both tolerance and universal acceptance. We believe not only in universal toleration, but we accept all religions as true.

2) कर्म योग का रहस्य है कि बिना किसी फल की इच्छा के कर्म करना है, यह भगवान कृष्ण द्वारा श्रीमद्भगवद्गीता में बताया गया है।

The secret of Karma Yoga is to perform actions without any desire for their fruits, this is explained by Lord Krishna in the Srimad Bhagavad Gita.

3) हिन्दू संस्कृति आध्यात्मिकता की अमर आधारशिला पर स्थित है।
Hindu culture rests on the immortal foundation stone of spirituality.

4) हे महाऋषियों! आप ठीक ही कहते थे। जो किसी व्यक्ति विशेष के आश्रय रहता है। वह सत्य रूपी प्रभु की सेवा नहीं कर सकता।

O great sages!  You were right.  One who lives in the shelter of a particular person.  He cannot serve the Lord in the form of truth.

5) वेदान्त कोई पाप नहीं जानता, वो केवल त्रुटी जानता हैं। और वेदान्त कहता है कि सबसे बड़ी त्रुटी यह कहना है कि तुम कमजोर हो, तुम पापी हो, एक तुच्छ प्राणी हो, और तुम्हारे पास कोई शक्ति नहीं है और तुम ये-वो नहीं कर सकते।

Vedanta knows no sin, it knows only error.  And Vedanta says that the biggest error is to say that you are weak, you are a sinner, a petty creature, and you have no power and you cannot do this and that.

6) ईसाइयत द्वारा सिखाए गए प्यार और हिंदू धर्म द्वारा सिखाए गए प्यार के बीच यह अंतर है: ईसाई धर्म हमें अपने पड़ोसियों से प्यार करना सिखाता है क्योंकि हम चाहते हैं कि वे हमसे प्यार करें;  हिंदू धर्म हमें उनसे अपने समान प्रेम करने के लिए कहता है, वास्तव में उनमें स्वयं को देखने के लिए कहता है।

There is this difference between the love taught by Christianity and that taught by Hinduism: Christianity teaches us to love our neighbours as we should wish them to love us; Hinduism asks us to love them as ourselves, in fact to see ourselves in them.

7) हिंदू धर्म और अन्य धर्मों के बीच अंतर का एक बिंदु यह है कि हिंदू धर्म में हम सत्य से सत्य की ओर जाते हैं - एक निम्न सत्य से उच्च सत्य तक - और कभी भी त्रुटि से सत्य की ओर नहीं।

One point of difference between Hinduism and other religions is that in Hinduism we pass from truth to truth-from a lower truth to a higher truth-and never from error to truth.

8) हिंदुओं ने विश्लेषण और अमूर्तता की शक्ति विकसित की है।  पाणिनि जैसा व्याकरण अभी तक किसी राष्ट्र ने नहीं बनाया है।

The Hindus have cultivated the power of analysis and abstraction. No nation has yet produced a grammar like that of Panini.

9) गीता और गंगा हिंदू धर्म का सार हैं;  एक इसकी थ्योरी और दूसरी इसकी प्रैक्टिस।

Gita and Ganga constitute the essence of Hinduism; one its theory and the other its practice.

10) हिन्दू धर्म सभी धर्मों की जननी है।
Hinduism is the mother of all religions.

11) मुझे इस बात का गर्व है की मैं ऐसे धर्म से हूं जिसने महान पारसी देश के अवशेषों को शरण दी और अभी भी उन्हें बढ़ावा दे रहा है।

I am proud to belong to a religion which has sheltered and is still promoting the remnants of the great Zoroastrian nation.

12) हिंदू धर्म के तीन अनिवार्य तत्व हैं ईश्वर में विश्वास, रहस्योद्घाटन के रूप में वेद में विश्वास , कर्म सिद्धांत और पुनर्जन्म में विश्वास।

The three essentials of Hinduism are belief in God, in the Vedas as revelation , in the doctrine of Karma and transmigration. 

13) आधुनिक हिंदू धर्म, आधुनिक जैन धर्म और बौद्ध धर्म एक ही समय में अलग हो गए। कुछ समय के लिए, ऐसा प्रतीत होता था कि प्रत्येक दूसरे को विचित्रता और पाखंड में पछाड़ना चाहता था।

Modern Hinduism, modern Jainism, and Buddhism branched off at the same time. For some period, each seemed to have wanted to outdo the others in grotesqueness and humbuggism.

14) मुझे यह बताते हुए गर्व हो रहा है की हमने अपने हृदय में उन इसराइलियो की सुद्धतम समृतिया बचाकर रखी है जिनके मंदिरों को रोमनो ने तोड़-तोड़ कर खंडहर बन दिया, और तब उन्होंने दक्षिण भारत में शरण ली।

I am proud to say that we have preserved in our hearts the purest memory of those Israelites whose temples were razed to ruins by the Romans, and then they took refuge in South India.

15) सांप्रदायिकता, कट्टरता और इसके भयानक वंशज हठधर्मिता लंबे समय से पृथ्वी को अपने शिकंजे में जकड़े हुए हैं इन्होंने पृथ्वी को हिंसा से भर दिया है कितनी बार ये धरती खून से लाल हुई है कितनी ही सभ्यताओं का विनाश हुआ है और कितने देश नष्ट हुए है अगर यह भयानक राक्षस नहीं होते तो आज मानव समाज कही ज्यादा उन्नत होता, लेकिन अब उनका समय पूरा हो चुका है।

Sectarianism, bigotry, and its dreadful descendant, fanaticism, have long held the earth in its grip; they have filled the earth with violence; how many times it has run red with blood; Had it not been for these terrible demons, today human society would have been much more advanced, but now their time is over.

16) हिंदू सकारात्मक रूप से ईश्वर में विश्वास करते हैं। बौद्ध धर्म यह जानने की कोशिश नहीं करता कि वे हैं या नहीं।

Hindus positively believe in God. Buddhism does not try to find out whether they are or not.

17) धर्मांतरण हिंदू धर्म द्वारा सहन किया जाता है। कोई भी व्यक्ति, चाहे वह शूद्र हो या चांडाल, एक ब्राह्मण को भी तत्त्वज्ञान की व्याख्या कर सकता है। सत्य सबसे निम्न व्यक्ति से सीखा जा सकता है, चाहे वह किसी भी जाति या पंथ का हो।

Proselytism is tolerated by Hinduism. Any man, whether he be a Shudra or Chandala, can expound philosophy even to a Brahmin. The truth can be learnt from the lowest individual, no matter to what caste or creed he belongs.

18) वेदांत दर्शन की उच्च आध्यात्मिक उड़ानों में गूँज की तरह प्रतीत होती विज्ञान की नवीनतम खोजो से, मूर्तिपूजा के निम्न विचारों के साथ इसकी विविध पौराणिक कथाओं, बौद्धों के अज्ञेयवाद और जैनों की नास्तिकता, प्रत्येक और सभी का हिंदू धर्म में एक स्थान है.
agnosticism

From the high spiritual flights of the Vedanta philosophy, of which the latest discoveries of science seem like echoes, to the low ideas of idolatry with its multifarious mythology, the agnosticism of the Buddhists and the atheism of the Jains, each and all have a place in the Hinduism religion.


19) सबसे बड़ा धर्म है अपने स्वभाव के प्रति सच्चे होना. स्वयं पर विश्वास करो।

The biggest religion is to be true to your nature. believe in yourself

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