स्वावलंबी प्रभावशाली अहिंसक चिकित्सा पद्धतियों के चिंतक, लेखक, प्रशिक्षक, चिकित्सक श्री चंचलमल चोरडिया का नाम राष्ट्रीय स्तर के चिकित्सा विशेषज्ञों के साथ लिया जाता है। व्यावहारिक शिक्षा से विद्युत इंजीनियर होने के कारण मानव शरीर रूपी विश्व में उपलब्ध सर्व श्रेष्ठ यंत्र को सुव्यवस्थित रखने हेतु चोरडिया जी का चिन्तन पूर्णतः मौलिक, सनातन सिद्धान्तों पर आधारित, अनुभूतिपरक, वैज्ञानिक एवं अकाट्य तर्को पर आधारित है।
उनका चिन्तन न केवल सम्यक् ही है, अपितु प्राथमिकताओं के साथ-साथ समग्रता से ओत-प्रोत होने के कारण स्वास्थ्य के संबंध में उठने वाली प्रत्येक शंकाओं एवं समस्याओं का सरल एवं तर्क संगत समाधान प्रस्तुत करता है।‘स्वस्थ रहना सहज और सरल है’ यह आपका नारा है। परावलंबन दुःख का कारण है, फिर चाहे वह दवा का हो या डॉक्टर का।
| भाषा | हिंदी |
|---|---|
| लेखक | चंचलमल चोरडिया |
| पन्ने | 96 |
| साइज | 3.1MB |
| मूल्य | 0 |
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